अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा अनुशासनप्रिय बने, देशसेवा की भावना से ओतप्रोत हो और भविष्य में भारतीय सेना का हिस्सा बने, तो सैनिक स्कूल उसके लिए एक सुनहरा अवसर हो सकता है। सैनिक स्कूल केवल शिक्षा का केंद्र नहीं हैं, बल्कि यह विद्यार्थियों को एक बेहतर नागरिक और भावी सैन्य अधिकारी बनने की दिशा में तैयार करते हैं।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि सैनिक स्कूल में दाखिला कैसे लिया जाता है, पात्रता क्या है, फीस कितनी है, हॉस्टल का जीवन कैसा होता है और प्रवेश परीक्षा की प्रक्रिया क्या रहती है।
सैनिक स्कूल क्या होता है?
सैनिक स्कूल भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के अधीन आवासीय स्कूल हैं, जिनकी स्थापना सेना के लिए योग्य, अनुशासित और शिक्षित अधिकारी तैयार करने के उद्देश्य से की गई थी। यहां छात्रों को शिक्षा के साथ-साथ फिजिकल ट्रेनिंग, मानसिक मजबूती और लीडरशिप स्किल्स दी जाती हैं। यह स्कूल देशभक्ति, आत्मनिर्भरता और अनुशासन की मिसाल हैं।
सैनिक स्कूल में कौन ले सकता है एडमिशन?
सैनिक स्कूल में दाखिले के लिए भारत का कोई भी छात्र आवेदन कर सकता है, लेकिन कुछ उम्र और शैक्षणिक योग्यता मानदंड हैं:
कक्षा 6 में प्रवेश के लिए:
उम्र 1 अप्रैल 2014 से 31 मार्च 2016 के बीच होनी चाहिए (10–12 वर्ष)
कक्षा 9 में प्रवेश के लिए:
उम्र 1 अप्रैल 2011 से 31 मार्च 2013 के बीच होनी चाहिए (13–15 वर्ष)
महत्वपूर्ण बात यह है कि अब लड़कियां भी सैनिक स्कूल में प्रवेश के लिए पात्र हैं। पहले यह सुविधा केवल लड़कों तक सीमित थी, लेकिन अब अधिकतर सैनिक स्कूलों में बालिकाओं के लिए भी सीटें आरक्षित की जा रही हैं।
एडमिशन प्रक्रिया: AISSEE परीक्षा
सैनिक स्कूलों में एडमिशन के लिए हर साल AISSEE (All India Sainik Schools Entrance Exam) आयोजित होती है, जिसे NTA (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) संचालित करती है।
परीक्षा पैटर्न:
कक्षा 6 के लिए विषय: गणित, सामान्य ज्ञान, अंग्रेजी और बुद्धिमत्ता परीक्षण
कक्षा 9 के लिए विषय: गणित, विज्ञान, अंग्रेज़ी, सामाजिक विज्ञान और बुद्धिमत्ता परीक्षण
लिखित परीक्षा के बाद मेडिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन होता है।
चूंकि सीटें सीमित होती हैं, इसलिए प्रतियोगिता बहुत कड़ी होती है। जल्द तैयारी शुरू करना बेहद जरूरी है।
सैनिक स्कूल की फीस कितनी होती है?
एक सैनिक स्कूल में पढ़ाई, हॉस्टल, भोजन, यूनिफॉर्म, मेडिकल सुविधा आदि सब कुछ शामिल होता है। औसतन एक छात्र पर ₹1.5 लाख प्रति वर्ष का खर्च आता है, जो स्कूल के हिसाब से थोड़ा बहुत ऊपर-नीचे हो सकता है।
इसमें शामिल होते हैं:
ट्यूशन फीस
हॉस्टल चार्ज
मेस (खाना) चार्ज
यूनिफॉर्म और किताबें
मेडिकल खर्च
क्या छात्रवृत्ति मिलती है?
जी हां, सरकार द्वारा छात्रवृत्ति (Scholarship) की भी व्यवस्था है। विशेष रूप से निम्नलिखित छात्रों को इसका लाभ मिलता है:
SC/ST वर्ग
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS)
सेना और अर्धसैनिक बलों के बच्चों को प्राथमिकता
राज्य सरकारें और केंद्र सरकार दोनों अलग-अलग योजनाओं के अंतर्गत सहायता प्रदान करती हैं। कुछ राज्यों में तो पूरी फीस भी माफ की जाती है।
हॉस्टल जीवन और अनुशासन: सैनिक स्कूल की पहचान
सैनिक स्कूल पूर्ण आवासीय होते हैं, जहां छात्र एक अनुशासित दिनचर्या में रहते हैं:
सुबह की शारीरिक कसरत (PT)
समयबद्ध भोजन और पढ़ाई
खेल और शाम की तैयारी
अनुशासन के नियम सख्त होते हैं
इस वातावरण में छात्र न केवल शारीरिक और मानसिक रूप से मज़बूत बनते हैं, बल्कि टीमवर्क और लीडरशिप जैसी क्षमताएं भी विकसित होती हैं।
सैनिक स्कूल क्यों चुनें?
NDA और डिफेंस कैरियर की तैयारी
अनुशासन और लीडरशिप स्किल्स
देशभक्ति और राष्ट्रसेवा की भावना
समग्र विकास – शिक्षा, खेल, नैतिकता, व्यवहार
अभिभावकों के लिए गर्व का विषय